Saturday, April 30, 2011

H.C. Shankushal

मान्यवर मिश्रा जी ,
आपको जो मिला किसी को न मिला है न मिलेगा l आप के एक साल व्यतीत होने का दुःख है , परन्तु आपने योग केंद्र के वृधाश्रम के प्रोजेक्ट में एक बूंद नहीं बड़ाई l
योग केंद्र का वृधाश्रम का अपना सवप्न है जिसे आप जैसे साकार कर सकते है l इसे तारतम्य में आप चाहे तो बिना समय गवाए वृधाश्रम का कार्य आरम्भ करे हमें हर्ष होगा उत्तर की प्रतीक्षा में .....

H.C. Shankushal
Dr. Mohini Saxena

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